- फैक्ट्री से समोसा बनाने वाले मैदा की पटटी खाने से हुआ यह हादसा
- साजिश या किसी मंशा के तहत किया गया यह क्रूर कृत्य, दोषियों को मिलनी चाहिए सख्त सजा
- एक साथ 50 से अधिक गौमाताओं की मौत से दमण में मची खलबली
- गौरक्षा दमण मंच समेत गौ प्रेमियों की टिकी निगाहें प्रशासनिक अधिकारियों की जांच-पडताल पर
दमण। दलवाड़ा गौशाला में एक साथ कई गौ वंश का अकाल स्वर्गवास हुआ है। इस घटना के बाद से पूरे दमण में खलबली मच गई है। दमण गौरक्षा मंच में इस घटना के बाद भारी आक्रोश है। बता दें कि दमण गौ रक्षा मंच इस गौशाला का संचालन नहीं करता।
इस दुखद घटना का जिम्मेदार कौन है ? आज दमण में जो 56 से अधिक गायों की मौत हुई उसका जिम्मेदार कौन है ? जबकि हिंदू धर्म को गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। एक तरफ हिंदू संगठन गाय को राष्ट्रीय स्तर पर रखने की बात करता है। तो ऐसा क्रूर कृत्य करने किसने किया यह जांच का विषय है।
ऐसा बताया जा रहा है कि किसी फैक्टरी से समोसा बनाने वाली मैदा की पटटी लाकर गाय को खिलाई गई जिसके कारण गौमाता उसे हजम नहीं कर पायी और मौत हो गई।
आखिर समोसा बनाने वाली मैदा की पटटी कौन लाया और किस मकसद से लाया था ? क्या यह किसी साजिश के तहत किया गया। प्रशासन और प्रशासन के आला अधिकारियों को इस पर गंभीरता दिखाते हुए जांच करना चाहिए,
क्योंकि एक या दो नहीं बल्कि 56से ज्यादा गौमाताओं ने दम तोडा है। 8 गौमाताओं का टीटमेंट चल रहा है। सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और किसी को नहीं माफ किया जाना चाहिए।
हिंदू संगठन ने प्रशासन के आला अधिकारियों से बात की है कि जो भी फैक्ट्री से समोसा बनाने वाले पटटी लाया हो उसका पता लगाना चाहिए, उसकी गायों को मैदा की पटटी खिलाने के पीछे क्या मंशा थी। प्रदेशस्तर का मामला नहीं बल्कि राष्टीय स्तर का मामला है। इस मामले में गौरक्षा दमण मंच समेत गौ प्रेमियों की निगाहें प्रशासनिक अधिकारियों की जांच-पडताल पर टिकी है।
सांसद उमेश पटेल ने 2022 में छोड़ा संचालन
दमन दीव सांसद उमेश पटेल ने एक साथ इतनी गायों के मरने पर दुख व्यक्त करते हुए जांच की मांग की है।
साथ ही उमेश पटेल ने एक वीडियो जाहिर कर बताया कि पूर्व में यह गौशाला वो खुद संचालित करते थे, लेकिन 2022 में उन्होंने इसे प्रशासन को सौप दिया था। उस दौरान उमेश पटेल सांसद नहीं थे। उनके ऊपर गौशाला सरकारी जमीन पर बनाने का आरोप लगाया गया था ऐसी जानकारी सामने आई है।