ख्याति कांड: बड़े अस्पतालों की साख पर सवाल, जांच की आंच संजीवनी, अर्थम और हेल्थ वन तक पहुंची

एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी में लापरवाही के आरोप, मरीजों की मौत से मचा हड़कंप

अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में हुए घोटाले ने राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को हिला कर रख दिया है। अस्पताल में हुए चिकित्सा शिविर में 19 मरीजों की एंजियोग्राफी और 7 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई थी। इनमें से दो मरीजों की मौत हो गई और कई मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच गए। इस मामले की जांच में सामने आया है कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ उठाने के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ किया गया।

डॉक्टर और निदेशक पर गिरी गाज

पुलिस ने इस मामले में ख्याति अस्पताल के डॉक्टर प्रशांत वजीरानी को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मरीजों पर बिना जरूरत एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी जैसी जटिल प्रक्रियाएं कीं। अस्पताल के निदेशक समेत पांच लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। अस्पताल के कैथलेट विभाग से सारे मेडिकल डेटा और कंप्यूटर सर्वर जब्त कर लिए गए हैं।

बड़े अस्पतालों तक पहुंची जांच

ख्याति अस्पताल से शुरू हुई यह जांच अब अहमदाबाद और कड़ी के अन्य बड़े अस्पतालों तक पहुंच चुकी है। क्राइम ब्रांच ने संजीवनी, अर्थम, हेल्थ वन, आरना और भाग्योदय अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि इन अस्पतालों ने भी डॉ. वजीरानी को अपने यहां मरीजों पर एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी करने के लिए बुलाया था। अब यह जांच हो रही है कि इन अस्पतालों ने डॉ. वजीरानी को इसके लिए कितनी रकम दी और क्या मरीजों के इलाज में भी यही लापरवाही बरती गई।

ऑस्ट्रेलिया भागे अस्पताल के मालिक, तलाशी तेज

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ख्याति अस्पताल के मालिक कार्तिक पटेल फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं और वापस नहीं लौटे हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनके फार्महाउस और अन्य ठिकानों पर तलाशी ली गई है। फरार आरोपियों के घरों से कई दस्तावेज और फाइलें बरामद की गई हैं, जिनकी जांच जारी है।

मरीजों और परिवारों की पीड़ा

इस कांड में जिन मरीजों की जान गई, उनके परिवारों ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

वाधरोड़ा के सुरेश ठाकोर ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके दादा की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हो गई।

खावड़ के जितेंद्र चावड़ा ने कहा कि उनके पिता को बिना जरूरत स्टेंट डाला गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

विनायकपुर की लक्ष्मीबेन नाई ने आरोप लगाया कि उनके पति को इलाज के बाद गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ा और 25 दिन बाद उनकी मौत हो गई।

शिकायतों की बाढ़

वस्त्रापुर पुलिस थाने में ख्याति अस्पताल के खिलाफ अब तक तीन और शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इन शिकायतों में मरीजों के परिजनों ने बताया कि कैसे चिकित्सा शिविरों में इलाज के नाम पर उनके परिजनों की जिंदगी से खिलवाड़ किया गया।

क्या है आगे की राह?

क्राइम ब्रांच इस पूरे घोटाले की गहराई से जांच कर रही है। यह स्पष्ट हो चुका है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को गलत तरीके से फंसाकर धन उगाही की गई। स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी लापरवाही और फर्जीवाड़ा कैसे नजरअंदाज हुआ।

डेयर टू शेयर की विशेष रिपोर्ट

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