वापी। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चेक रिटर्न के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को दस माह का सजा और दस लाख रुपए फरियादी को चुकाने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार फरियादी अंजनी अग्रवाल निवासी अंबा माता मंदिर के पास ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं। वापी के ट्रांसपोर्टर भीमसिंग वर्मा ने एक अप्रैल 2019 को अंजनी अग्रवाल से दस लाख रुपए कर्ज मांगे। फरियादी के अनुसार दोनों एक ही व्यवसाय में होने के कारण इससे पहले भी भीमसिंग के साथ रुपए का लेनदेन करते थे। लिहाजा 12 अप्रैल 2019 को छह लाख और 14 अप्रैल 2019 को चार लाख मिलाकर कुल दस लाख रुपए अंजनी अग्रवाल ने भीमसिंग वर्मा को दिया। आरोप है कि भीमसिंग ने सात सितंबर 2019 को छह और चार लाख का चेक देकर अंजनी अग्रवाल को बैंक में जमा करने को कहा। लेकिन जब अंजनी ने अपने बैंक खाते में भीमसिंग द्वारा दिए दोनों चेक को जमा किया तो पर्याप्त रुपए न होने से वह रिटर्न हो गया। इसके बाद भी रुपए नहीं मिले तो एडवोकेट पीएन सिंह का मार्फत 21 अक्टूबर 2019 को अंजनी अग्रवाल की ओर से नोटिस दी गई। इसका जवाब भी भीमसिंह द्वारा नहीं मिलने पर 10 जून 2022 को अंजनी अग्रवाल ने केस किया। जिसमें एडवोकेट पीएन सिंह की ओर से फरियादी की ओर से पैरवी की गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद 29 फरवरी 2024 को कोर्ट ने आरोपी को चेक रिटर्न मामले में दोषी ठहराते हुए दस माह की सजा दी। साथ ही फरियादी से ली गई दस लाख रुपए की रकम भी चुकाने का आदेश दिया।