- नरोली में घटित घटना के अपराधियों को पुलिस ने धरदबोचा
- कोर्ट ने आरोपियों को 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा
- नरोली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कर 11 को पकड़ा
सिलवासा। गत दिनों नरोली विस्तार में एक दिल दहला देने घटना हुई थी। बता दें कि नरोली बार एन्ड रेस्टोरेंट पर होटल के वेटरो ने संजाण से आए संदीप ईश्वर धोड़ी पीट-पीटकर इतनी बुरी हालत कर की दी थी कि उसकी जान चली गई। इस दौरान वेटरो और इन लड़कों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। यह मारपीट इतनी भीषण हो गई कि वेटारो ने इन पर बियर की कांच की बोतल से हमला करना शुरू कर दिया। इन वेटरो ने संदीप के सर पर कांच की बोतल मार दी। संदीप जैसे तैसे इन वेटरो से बचते हुए होटल से बाहर निकला और बाहर सडक किनारे गिर गया मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
इन 11 आरोपियों को पकडा
संदीप राजू, दीपक कुमार, सोमनाथ कुमार, अनिल वर्मा, महेन्द्र यादव, पवन, संदीप कुमार, हेमंत कुमार चौधरी, राजकुमार यादव, सुजीत हलपति एवं सागर गौरंग शामिल है।
राजनीतिक मोड ले रहा है संदीप धोडी की हत्या का मामला ?
वैसे तो दमण में भी करीब 6 महीने पहले ऐसे ही घटना घटित हुई थी। संदीप धोडी की कोई पहली घटना नहीं है इसके पहले भी इस तरह की कई घटनाए हो चुके है। लेकिन एक बात समझ से परे हो रही है कि आखिर संजाण के संदीप धोडी की मौत का मामला इतना राजनीतिक रंग क्यों दे रहा है। वासदा के विधायक अनंत पटेल, वलसाड सांसद धवल पटेल समेत के आदिवासी नेता इस मामले को तूल देने में लगे है। जब की पुलिस अपनी कानूनी प्रक्रिया बेखूबी निभा रही है।
मीडिया से बातचीत करते हुए राजनैतिक संगठन ने बताया कि हम दानह कलेक्टर से मिलेंगे। हमारी 4 मांगे जो हम कलेक्टर के समक्ष रखेंगे। यदि हमारी 4 मांगे पूरी नहीं होती है तो हम दानह के प्रत्येक मार्ग पर चक्काजाम करेंगे। साथ ही उग्र आंदोलन करेंगे। पीडित परिवार को कम से कम 50 लाख रूपए मुआवजे के तौर पर धनराशि मिलनी चाहिए। क्योंकि संदीप धोडी अपने परिवार का सहारा था, जो चला गया। अब परिवार कैसे चलेगा। आखिर यह मामला राजनीति मोड क्यों ले रहा है। इसके पहले भी कई मामले घटित हुए तो यह सब राजनेता कहां था। क्या वोट बैंक की राजनीति ही इनका काम रह गया है। क्या फिर इसके पीछे कुछ और बात है। हाल तो यह मामला राजनैतिक रंग पकडता दिखाई दे रहा है। संजाण को भी एक दिन के लिए बंद रखने का ऐलान किया गया है। जो बंद रहा।
हम उन सभी राजनीतिक पार्टियां और नेता से अपील करते है यदि ऐसा अन्य जाती के व्यक्ति के साथ होता है तो उसके साथ ऐसे ही खड़े होकर न्याय दिलाने में सहयोग करे साथ की आम आदमी की समस्याओं रोटी, कपड़ा, मकान शिक्षा, रोड़ व्यवस्था, बेरोजगारी, कंपनियों में होने वाले हादसों, कंपनियों में लेबरों के साथ होने वाले शोषण के विरुद्ध भी आवाज उठाए।