वापी के आर्शीवाद रेस्टोरेंट से ऑर्डर कर ऑनलाइन खाना मंगवाया, दाल और खिचडी में निकले मच्छर.. सावधान!

शिकायत के बाद खाद्य विभाग टीम ने केसरी रेस्टोरेंट दी दबिश, लिए सैंपल जांच को भेजे

जांच-पडताल द्वारा पाई गई कई खामियां

24 घंटे के अंदर रेस्टोरेंट को सील करने के दिए आदेश

होटल के नाम में भी घपला बिल आर्शीवाद रेस्टोरेंट वेज होटल का और होटल पे बोर्ड केसरी रेस्टोरेंट ( वेज और नॉन वेज )

नूतन नगर पुराना फाटक सिलवासा रोड वापी एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां किसी ने ऑर्डर कर ऑनलाइन खाना मंगवाया। दाल और खिचडी में मच्छर निकले। शख्स ने आर्शीवाद रेस्टोरेंट से ऑनलाइन ऑर्डर देकर बडे ही शौक से खाना मंगवाया था, परंतु दाल और खिचडी में मच्छर निकले से उसका पूरा मूड किरकिरा हो गया।

शख्स ने इस मामले की लिखित में शिकायत वलसाड प्रशासन के खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग में की। हालांकि
बता दें कि शख्स ने आर्शीवाद रेस्टोरेंट से ऑनलाइन दाल एवं खिचडी का ऑर्डर दिया था। लेकिन खाते समय युवक को दाल और खिचडी में मच्छर ही मच्छर दिखे। जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। उसने तुरंत ही इस मामले की शिकायत की खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ उपभोक्ता विभाग में भी । इसलिए ऑनलाइन ऑर्डर करने से पहले वास्तविकता पता कर लेना चाहिये। यही नहीं जो काम स्पाट पर जाकर किए जा सकते हैं। वैसे मामलों में ऐसी लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। ऐसे कई मामले सामने आ चुके है। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य और फूड विभाग का अमला समय पर निरीक्षण कर करता है तो फिर ऐसी लापरवाही कैसे हुई। ऐस में उक्त रेस्टोरेंट का लाइसेंस निरस्त किया जाना चाहिए।
उस ग्राहक ने वीडियो और फोटो खींची और शिकायत खाद्य विभाग में की। वैसे ही तो मच्छरों की वजह से डेंगू एवं मलेरिया जैसी कितनी बीमारियां हाल में फैल रही है।

उपभोक्ता की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वलसाड प्रशासन के खाद्य आपूर्ति विभाग की खाद्य निरीक्षण भाविका चौधरी ने कार्यवाही की।
बता दें कि होटल केसरी के नाम से चल रहा था। खाद्य निरीक्षण विभाग की टीम वहां पहुंची तो उन्होंने भोजन का निरीक्षण हुआ था। इस दौरान पाया गया कि किसी भी तरह का कोई भी नियम का पालन नहीं हो रहा था। गंदगी, बर्तन एल्युमीनियम के इस्तेमाल हो रहे थे जिनकी अनुमति नहीं है। स्वच्छता एवं स्टाफ का भी ठिकाना नहीं। ना उनका कोई मेडिकल रूटीन चेकअप ना रिपोर्ट रिकॉर्ड। खाद्य पदार्थ थे उनमें फपूदी लगी हुई थी, जो खाने योग्य नहीं थे। दिवारो पर कलर निकला हुआ था। पेस्ट कंट्रोल हो का कोई रिकॉर्ड नहीं। खाद्य आपूर्ति विभाग ने वहां से खाने का सैंपल कलेक्ट किया है और 24 घंटे में सील की नोटिस भी दे दी है।

अगर आप सोचते है कि नामी-गिरामी रेस्टोरेंट में खाना खाने जायेंगे तो वहां शानदार, शुद्ध खाना पीना मिलेगा, ऐसा कुछ भी नहीं है क्योंकि नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत रेस्टोरेंटों पर चरितार्थ होती है। यह बात हम नहीं कर रहे खाद्य विभाग के छापे के दौरान यह बात सामने आई है। वापी के कई नामी.गिरामी रेस्टोरेंट में खाद्य पदार्थो में गड़बड़ी मिलेगी।

जांच के लिए भेजा गया सैंपल

दरअसल शिकायत के बाद खाद्य विभाग की टीम ने तुरंत ही कार्यवाही करते हुए रेस्टोरेंट केसरी में छापा मारा। इस दौरान वहां बहुत ही खामियां पाई गई। किसी भी मापदंड का कोई पालन नहीं किया जा रहा था। वहां के भोजन का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया।

आज कल बहुत सारे रेस्टोरेंट आमजन के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ करते है। ग्राहकों को शुद्ध और असली घी ऑर तेल के नाम पर घटिया तेल से बना खाना समेत की खाद्य पदार्थ बेचते है।
ग्राहकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और शुद्ध क्वॉलिटी के नाम पर घटिया मिष्ठान और खाद्य सामग्री ऊंचे दाम पर बेची जाती है।

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