वापी: भाजपा का भव्य स्नेह मिलन कार्यक्रम या जनता के मुद्दों की अनदेखी? पारडी विधानसभा क्षेत्र के दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम की हकीकत

वापी, 17 नवंबर: पारडी विधानसभा क्षेत्र (180) के अंतर्गत रोफेल एमबीए कॉलेज के मैदान में आयोजित दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम को भव्य आयोजन के रूप में प्रस्तुत किया गया। राज्य के वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल मंत्री कनुभाई देसाई की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, धर्मगुरु, सांसद, विधायक, और पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मंत्रियों द्वारा शुभकामनाओं के आदान-प्रदान से हुई। मंत्री कनुभाई देसाई ने मंच से नए वर्ष के शुभारंभ पर जनता को ऊर्जा, उत्साह और सफलता की कामना की। लेकिन कार्यक्रम के दौरान विकास से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर चर्चा का अभाव रहा।

भव्यता के नाम पर भारी खर्च और जनता के सवाल

कार्यक्रम में भव्य मंच, सजावट, और शानदार रोशनी के इंतजाम पर हजारों लाखों रुपये खर्च किए गए। लेकिन जिन मुद्दों से स्थानीय जनता प्रतिदिन जूझ रही है, जैसे:

वापी-वलसाड़ हाइवे के गड्ढे और दुर्घटनाएं

सिटी के अंदरूनी सड़कों की बदहाली

कपराड़ा और अन्य क्षेत्रों में पानी की किल्लत

वापी चला ब्रिज पर जाम और अव्यवस्था

सड़कों पर गायों की समस्या और बरसात में खराब सड़कों की स्थिति

इन विषयों पर कोई चर्चा नहीं हुई। जनता का मानना है कि यह आयोजन केवल राजनीतिक दिखावे और बड़े नेताओं को खुश करने तक सीमित था।

स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनता में असंतोष

भाजपा के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस कार्यक्रम में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया। केवल बड़े नेताओं को प्राथमिकता दी गई, जिससे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता नाराज हैं।

जनता की नाराजगी

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम में जनता की समस्याओं की अनदेखी कर सिर्फ औपचारिक बातें की गईं। एक आम नागरिक ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हमने मोदीजी को देखकर वोट दिया था, लेकिन स्थानीय नेताओं से कोई उम्मीद नहीं बची। इनका काम सिर्फ दिखावा करना रह गया है।”

क्या भव्य आयोजन का उद्देश्य सिर्फ प्रचार?

जनता का सवाल है कि जब विकास और बुनियादी सुविधाओं की चर्चा नहीं होती, तो ऐसे भव्य आयोजनों का उद्देश्य क्या है? क्या यह केवल राजनीतिक प्रचार तक सीमित हैं?

डेयर टू शेयर की राय:
इस प्रकार के आयोजनों में जनता के लिए महत्त्वपूर्ण समस्याओं पर संवाद होना चाहिए। जब तक नेताओं का ध्यान जनहित के मुद्दों पर केंद्रित नहीं होगा, ऐसे भव्य आयोजन केवल संसाधनों की बर्बादी के प्रतीक बनकर रह जाएंगे।

(संपादकीय: डेयर टू शेयर)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *