वापी: रेलवे स्टेशन के पास बन रहा 140 करोड़ रुपये का फ्लाईओवर परियोजना भ्रष्टाचार और लापरवाही का शिकार हो चुका है। 21-22 महीनों से रुका यह काम न केवल प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से यह एक बड़े हादसे को खुला न्योता दे रहा है।
भ्रष्टाचार और अनदेखी की गहरी जड़ें ?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, फ्लाईओवर निर्माण में शामिल ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। निर्माण में उपयोग की जा रही लोहे की सलियां और अन्य सामग्री इतनी खराब गुणवत्ता की हैं कि उनकी दीर्घकालिक स्थिरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोहे की सलियों पर काट और जंग के निशान साफ तौर पर दर्शाते हैं कि गुणवत्ता जांच पूरी तरह से नदारद है।
21 महीनों से रुका निर्माण: क्या किसी हादसे का इंतजार?
करीब दो साल से ठप पड़े इस प्रोजेक्ट ने न केवल जनता की उम्मीदों को तोड़ा है, बल्कि यातायात व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। अधूरे फ्लाईओवर के चलते इस इलाके में दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम की घटनाएं आम हो गई हैं। यह सवाल उठता है कि 140 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि खर्च करने के बाद भी यह परियोजना अधूरी क्यों है? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?
सुरक्षा को दरकिनार करता घटिया निर्माण
स्थानीय इंजीनियरों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की घटिया सामग्री और खराब निर्माण तकनीक के चलते फ्लाईओवर लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहेगा। भारी वाहनों का दबाव झेलने में यह फ्लाईओवर पूरी तरह असमर्थ हो सकता है। यदि निर्माण में सुधार नहीं हुआ तो यह परियोजना हजारों लोगों की जान जोखिम में डाल सकती है।
प्रशासन की चुप्पी और जनता का गुस्सा
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि इस परियोजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं की जा रही, और प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। नागरिकों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द काम शुरू नहीं हुआ और गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।
क्या जवाब देगा प्रशासन?
140 करोड़ रुपये की इस महत्त्वपूर्ण परियोजना में हो रही धांधली और लापरवाही से वापी और आसपास के हजारों लोगों की जान खतरे में है। क्या प्रशासन इस मामले में ठोस कदम उठाएगा, या यह फ्लाईओवर सिर्फ भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा?